जब पूर्ण का उदय होता है,तब भागवत सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है -उपेंद्र जी महाराज
दीवान का पूरा (देवरा)में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन

प्रयागराज गौरव।भागवत कथा श्रवण के लिए जन्म-जन्मांतर एवं युग- युगांतर में जब पूर्ण का उदय होता है, तब ऐसा अनुष्ठान होता है। भागवत कथा एक अमर कथा है इसे सुनने मात्र से पाप मुक्त हो जाता है। भागवत पुराण उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है, जो वेदों से प्रवाहित होती चली आ रही है उक्त बातें दीवान का पूरा (देवरा)में तीरथ राज तिवारी के यहां चल रही है संगीत मय श्रीमद् भागवत के अंतिम दिन व्यास ज्योतिष मार्तण्ड भागवत भूषण ब्रह्मर्षी उपेंद्र महाराज जी ने कही। आगे उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण की प्रेम में गोपिया एक उतावली होकर दौड़ने लकथागी जैसे नदियां समुद्र में मिलने के लिए। देर बाद भगवान श्री कृष्ण सहसा अंतर्धान हो गए तब गोपियों का हृदय बिरह की ज्वाला में जलने लगा। गोपियों ने प्रेम बिरह में कहा कि प्रेम हम तो तुम्हारी दासी हैं, तुम्हारे चरणों पर निछावर है। हमारा हृदय तुम्हारी बिरह ब्यथा की आग में जल रहा है। प्रभु तुम्हारी मिलन की आकांक्षा हमें सता रही है। आगे व्यास ने कहा कि कुंडिनपुर के भीष्मका विदर्भ देश के अधिपति की पुत्री रुक्मणी थी उनका श्री कृष्ण से अपार प्रेम था। उन्होंने ब्राह्मण के द्वारा पत्र लिखा कि आप जैसे सिंह का भाग सियार छू जाए वैसे कहीं शीशपाल निकट से आकर मेरा स्पर्श न कर जाए इसलिए प्रभु श्री कृष्णा आप यहां आकर मेरा पाणि ग्रहण करें। यदि आप समय पर नहीं आए तो मैं व्रत द्वारा शरीर को सुखाकर प्राण त्याग दूंगी। क्योंकि रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मणी बहन की शादी शीशपाल से करना चाहता था। पत्र पत्र ही कन्हैया ने तनिक भी देरी नहीं की रुक्मणी का हरण करके द्वारकापुरी में विधि विधान पाणिग्रहण किया। आगे श्री कृष्ण सुदामा का मिलन,सुदामा के पैर धोना,स्वागत, चावलों का बड़े प्रेम से खाना, सुदामा को सब कुछ समर्पित करना आज प्रसंग का मार्मिक वर्णन किया। वही बीच-बीच में संगीत में भजन सुना कर लोग आनंद के सागर में गोते लगाते रहे। इस मौके पर पवन कुमार शुक्ला,लोकनाथ द्विवेदी, चंद्रमल द्विवेदी, नागेंद्र शुक्ला, प्रसाद तिवारी,संगम लाल मिश्र, धीरेंद्र पांडेय,शिवमणि पाल, राधेश्याम तिवारी,विष्णु देव मिश्रा आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे। तत्पश्चात श्रोता एवं सपरिवार व्यास पीठ एवं वाचक की आरती उतार कर लोगों को प्रसाद वितरण किया। आयोजक अवध बिहारी तिवारी ने समस्त आगंतुकों का आभार प्रकट किया।