आरएसएस शताब्दी वर्ष पर देवरा में पथ संचलन, शौर्य और अनुशासन का अद्भुत नजारा
अमित पाण्डेय

प्रयागराज। यमुनापार के कौंधियारा क्षेत्र स्थित देवरा गांव गुरुवार को अनुशासन, शौर्य और राष्ट्रप्रेम के अद्भुत नजारे का गवाह बना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शताब्दी वर्षगांठ पर गांव की मुख्य सड़कों से होकर स्वयंसेवकों का भव्य पथ संचलन निकाला गया। घोष की गूंजती धुन पर दंड कंधे पर रख कदमताल करते स्वयंसेवकों का अनुशासन हर किसी को आकर्षित कर रहा था।
दोपहर बारह बजे से ही स्वयंसेवक अपने-अपने निर्धारित स्थानों पर एकत्रित होना शुरू हो गए थे। कार्यक्रम की शुरुआत संघ परंपरा के अनुसार ध्वज प्रणाम और प्रार्थना से हुई। इसके बाद आयोजित बौद्धिक सत्र में वक्ताओं ने हिंदुत्व, भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उत्थान पर जोर देते हुए युवाओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता घनश्याम जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ का उद्देश्य समाज को संगठित कर भारत को वैभवशाली बनाना है और इसके लिए युवाओं का जुड़ना आवश्यक है।
बौद्धिक के बाद जयघोष करते हुए स्वयंसेवक हाथों में लाठियां लिए दो-दो की कतार में पथ संचलन के लिए निकले। पूर्ण गणवेश में अनुशासन का पालन करते कदमताल करता देख मार्ग में खड़े लोग अभिभूत हो उठे। जगह-जगह ग्रामीणों ने तालियां बजाकर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया। खासकर छोटे बच्चों और नन्हे स्वयंसेवकों का स्वागत कर लोगों ने वातावरण को उल्लासमय बना दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रंजीत दुबे ने की। इसके अलावा अवधेश शंकर तिवारी, चिंतामणि तिवारी, जिला प्रचार प्रमुख गोविंद शरण सिंह,लाल बहादुर, उदित, अंबिका, प्रेम चन्द्र, विनोद, ओम, मंगला, कृपाशंकर, तेज बली, श्री शंकर, रत्नाकर, लक्ष्मी कांत, संदीप, आयु, कार्यक्रम खंड कार्यवाहक कौंधियारा राहुल तिवारी ,आयु, करुणाकर , दिवाकर, विकास, मनोज, सर्वेश, पियूष, चंचल, दिलीप, विपिन सिंह, पप्पू पाण्डेय, राम लाल यादव, हरि लाल चौधरी, विश्वनाथ सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना विजयदशमी के दिन 27 सितंबर 1925 को हुई थी और तब से अब तक संघ समाज और राष्ट्र सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाता आ रहा है। देवरा में निकला यह पथ संचलन न सिर्फ अनुशासन का प्रतीक रहा, बल्कि लोगों में राष्ट्रप्रेम और भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व की भावना भी जगाने वाला साबित हुआ।